शरीर में छिपी इन समस्याओं का रामबाण इलाज है दालचीनी, जानें उपयोग का तरीका, फायदे और कुछ नुकसान

👉 दालचीनी का परिचय या दालचीनी क्या है?

  • किचन में मौजूद मुख्य मसालों में से एक दालचीनी है जिसका इस्तेमाल जायके के लिए किया जाता है. दरअसल दालचीनी को स्वाद और खुशबू के लिए ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है. दालचीनी को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. दालचीनी में मौजूद कंपाउंड कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. जो सेहत और खूबसूरती दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं.

👉 दालचीनी में मौजूद मुख्य आयुर्वेदिक तत्व.

  • दालचीनी में एमिनो एसिड तथा एंटी-ऑक्सीडेंट, फाइबर, मैग्नीज, आयरन, कैल्शियम, विटामिन के, कॉपर, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और विटामिन बी6 के गुण पाए जाते हैं.

👉 घर पर दालचीनी के आयुर्वेदिक उपयोग कैसे करें?

  • दालचीनी से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ

     1) जोड़ों के दर्द में :

  • दालचीनी को जोड़ों के दर्द के लिए काफी लाभदायक माना जाता है. हल्के गर्म पानी में दालचीनी और शहद मिलाकर पीने से जोड़ों के दर्द में आराम मिल सकता है. आप इसके तेल से भी घुटनों पर मसाज़ कर सकते हैं.

      2) कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए:

  • अगर आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है और आप इसे कम करने के लिए सोच रहे हैं तो आप दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं. दालचीनी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है.

      3) पेट दर्द को दूर करने में:

  • दालचीनी वाला दूध पीने से पाचन को मजबूत बनाया जा सकता है. दालचीनी के सेवन से पेट गैस, कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है. दालचीनी दूध का सेवन करने से पाचन तंत्र को बेहतर रखा जा सकता है.

      4) हड्डियों को मजबूत बनाने:

  • दालचीनी में कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है. जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है. दालचीनी का सेवन करने से हड्डियों को कमजोर होने से बचाया जा सकता है.

      5) सर्दी में राहत के लिए:

  • अगर आपको सर्दी-जुकाम की समस्या है तो दालचीनी का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. शहद के साथ दालचीनी का पाउडर सुबह-शाम लेने से सर्दी की समस्या से राहत मिल सकती है.

      6) दालचीनी में हैं सूजन दूर करने के गुण:

  • दालचीनी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा व शरीर के अंदरूनी हिस्सों में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यदि आपको लंबे समय से कोई सूजन या लालिमा संबंधी समस्या है, तो दालचीनी आपके लिए लाभदायक हो सकती है.

      7) डायबिटीज के लक्षणों को कम करे दालचीनी:

  • कुछ अध्ययनों के अनुसार दालचीनी को बढ़ा हुआ ब्लड शुगर कम करने में काफी प्रभावी माना गया है। दालचीनी डाइजेस्टिव एंजाइमों में कुछ जरूरी बदलाव कर देती है, जिससे कार्बोहाइड्रेट्स की अवशोषण प्रक्रिया कम हो जाती है और ब्लड शुगर का स्तर कम करने में मदद मिलती है.

       8) दालचीनी के उपयोग से खांसी में फायदा:

  • खांसी के इलाज के लिए दालचीनी का प्रयोग करना फायदेमंद होता है। खांसी से परेशान रहने वाले लोग आधा चम्मच दालचीनी के चूर्ण को, 2 चम्मच मधु के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे खांसी से आराम मिलता है.
  • दालचीनी के पत्ते का काढ़ा बना लें। 10 20 मिली मात्रा में सेवन करने से खांसी ठीक होती है.
  • एक चौथाई चम्मच दालचीनी के चूर्ण में 1 चम्मच मधु को मिला लें। इसे दिन में तीन बार सेवन करने से खांसी, और दस्त में फायदा होता है.

       9) जुकाम में दालचीनी का इस्तेमाल:

  • दालचीनी को पानी में घिस कर गर्म कर लें, और लेप के रूप में लगाएं। इससे जुकाम में फायदा होता है.
  • दालचीनी का रस निकालकर सिर पर लेप करने से भी लाभ होता है.

      10) दालचीनी कैंसर की रोकथाम में करे मदद:

  • दालचीनी के कुछ एनीमल व टेस्ट ट्यूब परीक्षण किए गए, जिसमें पाया गया कि दालचीनी ट्यूमर में रक्त वाहिकाएं बढ़ने से रोकता है जिससे कैंसर बढ़ने में दिक्कत होने लगती है। इतना ही नहीं दालचीनी में मौजूद कुछ तत्व कैंसर कोशिकाओं के लिए एक विषाक्त पदार्थ के रूप में काम करते हैं.

👉 ऊपर बताए गए सभी स्वास्थ्य लाभ अध्ययनों पर आधारित हैं। और दालचीनी का प्रभाव हर व्यक्ति के शरीर में अलग-अलग हो सकता है। यदि आप उपरोक्त में से कोई भी लाभ प्राप्त करने के लिए दालचीनी का सेवन करना चाहते हैं, तो पहले डॉक्टर से इस बारे में बात करें.

👉 जैसे कोई भी चीज किसी के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन जरूरी नहीं कि इससे सभी को फायदा मिले, दूसरे व्यक्ति को उससे नुकसान भी हो सकता है। इसी तरह दालचीनी के नुकसान भी होते हैं, जो ये हैं.

  • दालचीनी का उचित मात्रा में सेवन अधिकतर लोगों के लिए सुरक्षित रहता है, हालांकि, कुछ लोगों को इससे एलर्जी भी हो सकती है। यदि आप दालचीनी का सेवन पहली बार कर रहे हैं, तो शुरुआत में बेहद कम मात्रा में ही इसका सेवन करें और एलर्जी या कोई भी स्वास्थ्य समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यदि सामान्य से अधिक मात्रा में या फिर लगातार लंबे समय से इसका सेवन किया जा रहा है, तो इससे स्वास्थ्य संबंधी कुछ विपरीत प्रभाव हो सकते हैं। दालचीनी के अधिक सेवन शरीर में विषाक्त प्रभाव हो सकते हैं.
  • दालचीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से सिर में दर्द की शिकायत हो सकती है.
  • दालचीनी गर्भवती स्त्रियों को नहीं देनी चाहिए, क्योंकि यह गर्भ को गिरा देती है.
  • दालचीनी को गर्भाशय में भी रखने से भी गर्भ गिर जाता है.
  • इसलिए दालचीनी के नुकसान से बचने के लिए इस्तेमाल से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लें.

👉 तो दोस्तों अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे.

 

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Comments
Dhanavel - Nov 27, 2022, 3:55 PM - Add Reply

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இலவங்கப்பட்டையில் இரண்டு வகைகள் உள்ளன

வரையறுக்கப்படாத

பொதுவாக நமக்கு ஒரே ஒரு வகை இலவங்கப்பட்டை தெரியும், இது பானங்கள், பருப்பு வகைகள் மற்றும் காய்கறிகள் தயாரிப்பதில் பயன்படுகிறது. ஆனால் இலவங்கப்பட்டை முக்கியமாக இரண்டு வகையானது. இந்த இரண்டு வகையான இலவங்கப்பட்டைக்கு இடையிலான முக்கிய வேறுபாடு சுவை.

-आमतौर पर जो लकड़ी के रंग जैसी दालचीनी हमारे घरों में यूज होती है, उसका टेस्ट अधिक तीखा होता है। इसे रेग्युलर सिनमन या कैशीअ (Cassia) नाम से जाना जाता है। यह दालचीनी सुपरमार्केट और किराना शॉप्स पर आराम से मिल जाती है।

-दूसरी तरह की दालचीनी को सीलोन (Ceylon)नाम से जाना जाता है। इसका स्वाद कैशीआ से लाइट होता है। इस दालचीनी को ट्रयू सिनमन नाम से भी जाना जाता है। सीलोन का उपयोग कुछ खास चीजों और दवाओं में ही किया जाता है। यह कैशीअ की तुलना में महंगी होती है।

दालचीनी का उपयोग और प्रभाव
-कैशीअ दालचीनी यानी जो दालचीनी हम रसोई में उपयोग करते हैं, इसका सेवन बहुत कम और सीमित मात्रा में किया जाता है। अगर सही तरीके से इसका उपयोग किया जाए तो यह शरीर को कई गंभीर रोगों से बचाती है।

-लेकिन अगर अधिक मात्रा में इसका उपयोग किया जाए तो यह लाभ पहुंचाने की जगह हमारी सेहत को हानि पहुंचा सकती है। क्योंकि इसमें कूमरिन (coumarin) नाम का कंपाउंड होता है। जो सेंट में वनीला की तरह फील होता है और टेस्ट में हल्का कड़वा होता है। अधिक मात्रा में शरीर में जाने पर यह कई तरह की बीमारियां पैदा करता है।

लीवर डैमेज और कैंसर का खतरा
-कई अलग-अलग रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि अधिक मात्रा में कूमरिन का सेवन लीवर को नुकसान पहुंचाता है। लंबे समय तक और निश्चित मात्रा से अधिक मात्रा में दालचीनी का उपयोग करने से लीवर डैमेज का खतरा बढ़ जाता है।

-यदि बिना मात्रा का ध्यान रखे लगातार कूमरिन का सेवन किया जाए तो यह कैंसर का खतरा भी बढ़ा देता है। यह मुख्य रूप से लीवर कैंसर, फेफड़ों के कैंसर और किडनी संबंधी बीमारी पैदा करता है। इस तरह के होते हैं कैंसर के लक्षण।

ब्लड प्रेशर बेहद कम होने का डर
-दालचीनी एक ऐसी प्राकृतिक औषधि है, जिसका सही मात्रा में सेवन करते रहने पर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती है। साथ ही डायबीटीज के मरीज यदि इसका सेवन करें तो यह ब्लड में शुगर की मात्रा को भी नियंत्रित करने का काम करती है।

-लेकिन अगर सीमित मात्रा से अधिक दालचीनी का सेवन किया जाए तो ब्लड प्रेशर बहुत तेजी से कम भी हो सकता है, जो हानिकारक हो सकता है। अधिक मात्रा में नियमित उपयोग से दालचीनी के कारण थकान, उनींदापन और चक्कर आने की समस्या भी हो सकती है। ब्रेन को ऐक्टिव रखने के लिए डॉक्टर्स के अनुसार ये तरीके अपनाने चाहिए।

बन सकती है सांस लेने में दिक्कत की वजह
-दालचीनी की चाय और काढ़ा भले ही हमारे रेस्पिरेट्री सिस्टम को क्लीन करने और हेल्दी रखने में मदद करता है। लेकिन अधिक मात्रा में दालचीनी के उपयोग से सांस से जुड़े रोग भी हो सकता हैं। यहां जानें, दालचीनी का काढ़ा बनाने का तरीका।

-एक एक बार में अधिक दालचीनी का उपयोग किया जाए तो आपको खांसी, गले में खराश और जलन और सांस लेने में समस्या हो सकती है।

- जिन लोगों को अस्थमा और सांस से जुड़ी दूसरी समस्याएं हों उन्हें दालचीनी का उपयोग करते समय खास सावधानी बरतनी चाहिए।

मुंह में छाले और घाव होना
-दालचीनी में सिनामनडिहाइड नामक कंपाउंड होता है। इसका सेवन अगर सीमित मात्रा से अधिक किया जाए तो यह शरीर में एलर्जी और रिऐक्शन पैदा करता है।

- ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे मुंह में मौजूद सलाइवा के कारण यह कंपाउंड लंबे समय तक हमारी जीभ और मुंह की अंदरूनी त्वचा के संपर्क में रहता है।

-अधिक मात्रा में दालचीनी के सेवन से मुंह में छाले और साथ ही जीभ में छाले हो सकते हैं। मुंह के अंदर इचिंग, सेंसेशन या गले में जलन की दिक्कत हो सकती है। साथ ही मुंह के अंदर सफेद रंग के पैच भी बन सकते हैं।

-हालांकि ये सभी दिक्कते हमारे लिए घातक स्थिति नहीं बनाती हैं लेकिन हमें दिमागी रूप से परेशान और शारीरिक रूप से असहज जरूर करती हैं। आयुर्वेदिक तरीके से फिट रहने के लिए वैद्य ने सुझाए हैं ये उपाय।

एक टेबलस्पून भी है खतरनाक
एक्सपर्ट्स की मानें तो लगभग 60 किलो वजन के एक व्यक्ति के लिए दिनभर में 5 मिलीग्राम दालचीनी काफी होती है। यह मात्रा एक टेबलस्पून से भी काफी कम होती है। अगर आप एक पूरे दिन में इतनी दालचीनी का उपयोग अपने भोजन में करते हैं, तब भी आप सीमित मात्रा से अधिक दालचीनी का उपयोग कर रहे होते हैं। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने बताया कि घरेलु चीजों से आप कैसे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं।


क्यों नहीं खानी चाहिए सूखी दालचीनी?

வரையறுக்கப்படாத

-सूखी दालचीनी खाने से गले में छाले, जलन, सूजन और घाव की समस्या भी हो सकती है। साथ ही ना केवल गले में बल्कि सीने में तेज जलन हो सकती है।

உலர் இலவங்கப்பட்டை சாப்பிடுவது உங்கள் நுரையீரலை எப்போதும் சேதப்படுத்தும். இலவங்கப்பட்டையில் காணப்படும் நார்ச்சத்துதான் இதற்குக் காரணம். உலர்ந்த இலவங்கப்பட்டையில் உள்ள நார்ச்சத்தை நுரையீரல் உடைக்க முடியாது என்பதால், அது வீக்கத்தை ஏற்படுத்தும்.

- நுரையீரலில் வீக்கம் நிமோனியாவை உண்டாக்கும். சரியான நேரத்தில் சிகிச்சையளிக்கப்படாவிட்டால், அது நுரையீரலை நிரந்தரமாக நோய்வாய்ப்படுத்தும். நமது உடலின் நோய் எதிர்ப்புச் சக்தி இப்படி நம்மைப் பாதுகாக்கிறது.

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